नगरी: मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव ने मोदी सरकार के नए कृषि विधेयक के विषय में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार आने से पहले छत्तीसगढ़ में किसानों की स्थिति अच्छी नहीं थी, किसानों के ऊपर भाजपा ने डंडे बरसाया जिससे किसान काफी दुःखी थे इस दुःख को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतर मन से समझा एवं घोषणा पत्र में किये गए वादों को पूरा करते हुवे धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये,किसानों का कर्जा माफ जैसे किसान हितैषी फैसले लिए जिससे आज प्रदेश का किसान ख़ुशहाली से जीवन जी रहा है।
लेकिन हाल ही मे केंद्र सरकार ने किसानों से सम्बंधित 3 विधेयक संसद में पास होने रखा है जिससे कोई भी किसान खुश नहीं है हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश ,उत्तरप्रदेश जैसे राज्यो के किसान इस बिल के विरोध में रोड़ पर आकर प्रदर्शन कर रहे है।
विधायक डॉ. ध्रुव ने आरोप लगाते हुवे कहा कि केन्द्र में भाजपा की मोदी सरकार खेती को उद्योगपतियों के हवाले करने के प्रयास मे जुटी हुई है मोदी सरकार इन तीन कृषि विधेयक से कृषि मंडी एवं समर्थन मूल्य को खत्म करने के लिए एक देश एक बाजार नीति के जरिये मोदी सरकार किसानों की आजादी छिनकर कॉर्पोरेट जगत को बाजार सौंपने जा रही है जिससे किसान कंगाल हो जाएगा।
यह विधेयक साफ तौर पर किसानी में सुधार लाने के बहाने कृषि को किसानों के हाथों से छीनने का षड़यंत्रकारी और किसान विरोधी नीति है जिसे भाजपा कानूनी दर्जा देने का जाल बिछा रही है ।
विधेयक का संसद के दोनों सदनों में जमकर विरोध हुआ है ,पूरे देश मे विभिन्न किसान संगठन भी इस विधेयक का विरोध कर रही है भाजपा सरकार ने किसी भी किसान संगठन से इस विधेयक के विषय में चर्चा भी नही की यह विधेयक जबरदस्ती किसानों के ऊपर थोपा जा रहा है।
मोदी सरकार खेती को तबाह करने के प्रयास में लगी हुई है ।आज कोरोना काल के चलते मौका मिलते ही विधेयक पेश किया गया है ताकि किसानों द्वारा इस बिल के विरोध को आसानी से दबाया जा सके यह बिल इससे पहले कई विकसित देशों जैसे अमेरिका, कनाडा मे भी यह कृषि विधेयक फैल हो चूका है। मोदी द्वारा इस फैल हो चुके कृषि बिल को भारत में लागू किया जा रहा है, इससे पहले भी मोदी सरकार ने जीएसटी,नोटबन्दी जैसे काले कानून से देश की जनता को ठगा है, मैं किसान विरोधी इस कृषि विधेयक का पुरजोर विरोध करती हूं ।