नईदिल्ली। टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस ने पिछले महीने संचयी तौर पर 650 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश किया ताकि उसकी कार्यशील पूंजी की जरूरतें पूरी हो जाए। टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस के 51: 49 फीसदी हिस्सेदारी वाला संयुक्त उद्यम 2015 में कंपनी शुरू होने से अब तक कम से कम 9,900 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है 650 करोड़ रुपये का यह निवेश 16 नवंबर को हुआ था, जो टाटा की तरफ से एयर इंडिया में विलय से महज 13 दिन पीछे है।
यह विलय मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद विलय से बनने वाली नई इकाई में सिंगापुर एयरलाइंस की हिस्सेदारी 25.1 फीसदी रहेगी। इस बीच, विस्तारा अपने जन्म के समय से ही शुद्ध नुकसान में रहा है, जो वित्त वर्ष 22 में 35 फीसदी बढ़कर 2,031 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस संबंध में विस्तारा से टिप्पणी नहीं मिल पाई।
सिंगापुर एयरलाइंस के प्रवक्ता ने कहा, विस्तारा लाभ में नहीं पहुंच पाई है। विस्तारा व एयर इंडिया अभी हर हफ्ते 1,909 और 2,662 उड़ानों का परिचालन करती है। यह जानकारी एविएशन एनालिटिक्स कंपनी सिरियम से मिली। देसी यात्री बाजार में 55 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो अभी हर हफ्ते करीब 11,493 उड़ानों का परिचालन करती है।
सिंगापुर एयरलाइंस के प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि एयर इंडिया संग विलय पूरा होने तक टाटा के साथ वह विस्तारा में कितनी रकम का निवेश की योजना बना रही है। प्रवक्ता ने कहा. विलय के बाद एयरइंडिया देसी व अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर अबाध सहायता पाने में सक्षम होगी, साथ ही अपने रूट नेटवर्क और संसाधन के इस्तेमाल को इष्टतम स्तर पर ले जा पाएगी। टाटा समूह ने बिजनेस स्टैंडर्ड की प्रश्नावली का जवाब नहीं दिया। विस्तारा के प्रवक्ता ने कहा, नीति के तौर पर कंपनी की वित्तीय सूचनाओं पर हम टिप्पणी नहीं करते।
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