भिलाई। सेल भिलाई इस्पात संयंत्र ने उत्पादन में अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। ब्लास्ट फर्नेस का सर्वोच्च उत्पादन का कीर्तिमान हो या फिर एसएमएस, यूआरएम, बीआरएम, आरएसएम, प्लेट मेल, मर्चेंट मिल, वायर राड मिल का रिकॉर्ड प्रोडक्शन की बात हो। उत्पादन व व्यवसाय के प्रत्येक क्रियाकलाप में भारतीय रेलवे की अहम भूमिका रही है। कच्चे माल की उपलब्धता से लेकर तैयार माल डिस्पैच करने तक रेलवे रैक की समय पर उपलब्धता संयंत्र की पहली जरूरत है। इस जरूरत को पूरा करने में भारतीय रेलवे ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। राजहरा से आयरन ओर लाने की बात हो या फिर बंदरगाह से कोयला पहुंचाने की बात हो या खदानों से लाइमस्टोन व डोलोमाइट जैसे रॉ-मटेरियल लाने की बात हो रेलवे रैक की उपलब्धता से ही संयंत्र अपना उत्पादन और डिस्पैच का लक्ष्य को पूरा करने में सफलता प्राप्त कर पा रहा है।
संयंत्र के विभिन्न विभागों ने फिनिश्ड मैटेरियल के डिस्पैच में अनेक कीर्तिमान स्थापित कर संयंत्र के लिए बहुमूल्य मुद्रा अर्जित की है। इस्पात व्यवसाय को गति दी है। यहां भारतीय रेलवे ने अहम भूमिका निभाते हुए समय पर विभिन्न प्रकार के रेलवे वैगन तथा रैक की उपलब्धता सुनिश्चित कर संयंत्र को कीर्तिमान रचने में महती मदद की है। विदित हो कि भारतीय रेलवे ने विश्व के सबसे लंबे रेल 260 मीटर पटरियों के परिवहन हेतु विशेष रैक की उपलब्धता भी सुनिश्चित की है। भारतीय रेलवे ने भिलाई इस्पात संयंत्र को सदैव ही रैक समय पर उपलब्ध कराकर कच्चे माल के परिवहन से लेकर तैयार माल के ट्रांसपोर्ट में बेहतर सहयोग प्रदान किया है। उल्लेखनीय है कि इस वित्त वर्ष में अप्रैल 2022 से लेकर नवंबर 2022 तक भारतीय रेलवे ने विभिन्न प्रकार के कच्चे माल के परिवहन हेतु बीएसपी को 3213 रैक उपलब्ध कराया है।
जिसमें से लौह अयस्क परिवहन हेतु 1597 रैक, कोयला परिवहन हेतु 979 रैक, फ्लक्स परिवहन हेतु 560 रैक, फेरो एलॉयज के ट्रांसपोर्टेशन हेतु 11 रैक तथा अन्य कच्चे माल के परिवहन हेतु 66 रैक उपलब्ध कराया है। समय पर रैक की उपलब्धता ने संयंत्र को उत्कृष्ट उत्पादन करने में मदद की है। उत्पादन के साथ-साथ तैयार माल अर्थात फिनिश्ड प्रोडक्ट को ग्राहकों तक समय पर पहुंचाना भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अत: इस हेतु भारतीय रेल ने संयंत्र के डिस्पैच के लिए अप्रैल 2022 से लेकर नवंबर 2022 तक कुल 1609 रैक उपलब्ध कराएं हैं। इसमें नौ प्रकार के रैक शामिल है। विश्व के सबसे लंबे रेल 260 मीटर पटरियों के परिवहन हेतु विशेष रैक भी शामिल है।
सेल भिलाई इस्पात संयंत्र ने सदैव ही भारतीय रेलवे के सहयोग को विशेष रूप से रेखांकित करती रही है। भारी मात्रा में कच्चे माल के परिवहन को रॉ मटेरियल विभाग, परिवहन और डीजल विभाग, ओर हैंडलिंग प्लांट के साथ-साथ सामग्री प्रबंधन विभाग सहित संयंत्र के विभिन्न विभागों के सहयोग द्वारा नियंत्रित और मॉनिटर किया जाता है। आंतरिक और बाहरी आवाजाही के लिए संयंत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रेक की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए टी एंड डी विभाग भारतीय रेलवे के साथ मिलकर काम करता है।
उल्लेखनीय है कि सेल और भारतीय रेलवे की एक अनूठी साझेदारी हैं। सेल-बीएसपी रेलवे को दुनिया की सबसे लंबी रेल का एकमात्र आपूर्तिकर्ता है। सेल की ही एक अन्य इकाई, दुर्गापुर स्टील प्लांट रेलवे को व्हील्स् और एक्सल्स् की आपूर्ति करता है। इस तरह भारतीय रेलवे सेल का सबसे बड़ा ग्राहक है। दूसरी ओर, विभिन्न संयंत्रों से बड़ी मात्रा में कच्चे माल और उत्पादों के परिवहन से रेलवे को माल ढुलाई से आय के कारण सेल भारतीय रेलवे के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक है।