‘हरियर छत्तीसगढ़’ योजना में 2431 हेक्टेयर में 20 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे
प्रदेश में इको-टूरिज्म बोर्ड की होगी स्थापना
मानव-हाथी द्वंद को रोकने ‘मिशन बी’ योजना का होगा 7 जिलों विस्तार
5 नए जिलों में सहकारिता विभाग के नवीन कार्यालयों के लिए 100 पदों का होगा सृजन
वर्ष 2024-25 के बजट में 2432 सिंचाई परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रूपए का प्रावधान
पुराने बांधों की सुरक्षा के लिए 72 करोड़ रूपए प्रावधानित
लाईवलीहुड कॉलेज सोसायटी के लिए 22 करोड़ 56 लाख रूपए का बजट प्रावधान
रायपुर वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, सहकारिता एवं कौशल विकास मंत्री श्री केदार कश्यप के विभागों के लिए आज 5608 करोड़ 54 लाख 69 हजार रूपए की अनुदान मांगें छत्तीसगढ़ विधानसभा में ध्वनिमत से पारित कर दी गई। इनमें वन विभाग के लिए 2832 करोड़ 30 लाख 64 हजार रूपए, सहकारिता विभाग के लिए 254 करोड़ 76 लाख 57 हजार रूपए, जल संसाधन विभाग के लिए 1413 करोड़ 26 लाख 58 हजार रूपए, लघु सिंचाई निर्माण कार्य हेतु 698 करोड़ 19 लाख 90 हजार रूपए, जल संसाधन विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 57 करोड़ रूपए और नाबार्ड से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 353 करोड़ एक लाख रूपए शामिल हैं।
वन विभाग
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में कहा कि प्रदेश में लगभग 44.24 प्रतिशत वन क्षेत्र हैं। यहां मुख्यतः आर्द्र एवं शुष्क साल और सागौन प्रजाति के वनों के साथ ही शुष्क मिश्रित वन एवं बांस के वन पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही आदिवासी भाईयों की चिंता करते हुए उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयत्नशील है। इसके लिए 2832 करोड़ रूपए से भी अधिक की राशि का बजट प्रावधान अगले वित्तीय वर्ष में किया गया है। प्रदेश में हरियाली के प्रसार हेतु वन क्षेत्रों में ‘हरियर छत्तीसगढ़’ योजना के तहत 2431 हेक्टेयर क्षेत्र में 20 लाख से अधिक पौधे लगाने की योजना पर कार्य कर रही है। प्राकृतिक पुनरोत्पादन के संरक्षण के लिए 240 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। इसी तरह बांस वनों के संवर्धन के लिए 68 करोड़ 89 लाख रूपए और बिगड़े वनों के सुधार के लिए 272 करोड़ 4 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। नदी तट वृक्षारोपण योजना के तहत नदी तटों पर भू-क्षरण रोकने के उद्देश्य से अधिक से अधिक पौधों के रोपण हेतु वर्ष 2024-25 में 7 करोड़ 47 लाख रूपए का प्रावधान है। भू-संरक्षण एवं बाढ़ नियंत्रण संबंधी कार्य हेतु 119 करोड़ 27 लाख रूपए, पर्यावरण वानिकी के लिए 40 करोड़ रूपए, पथ वृक्षारोपण के लिए 7 करोड़ रूपए, वन मार्गों पर रपटा एवं पुलिया निर्माण के लिए 8 करोड़ 60 लाख रूपए का प्रावधान इस बजट में किया गया है।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार वनों में मवेशियों के चारागाह हेतु चराई इकाईयों और घास मैदानों की स्थापना के लिए भी विशेष कार्य कर रही है। मवेशियों के लिए स्थायी चारागाह की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी इस बजट में प्रावधान किया गया है। सरकार इसके साथ ही वन विज्ञान केन्द्रों की स्थापना तथा नैसर्गिक वन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष तौर पर प्रयासरत हैं। राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों, टाइगर रिजर्व सहित अन्य क्षेत्रों में स्थापित पर्यावरण चेतना केन्द्रों, नेचर सफारी और पर्यटन स्थलों के आसपास स्थानीय निवासियों को रोजगार देने तथा संबंधित वन समितियों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय युवकों को राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त संस्थाओं जैसे जंगल लाजेस एण्ड रिसार्ट कर्नाटक, बाम्बे नेचुरल, हिस्ट्री सोसायटी से नेचर-गाइड के रूप में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।