आदिवासी ग्रामीण अंचल क्षेत्र उडुमगांव का प्राथमिक शाला जर्जर,स्कूली बच्चों की छुट्टी

दीपेश साहा
पखांजूर ।

जिले कांकेर के अंतिम छोर उडूमगांव के प्राथमिक शाला की हालात बहुत ही जर्जर है । इरकबुटा ग्राम पंचायत आश्रित ग्राम उडुमगांव के प्राथमिक शाला भवन के छत से पानी टपक रहा है साथ ही शाला भवन भी जर्जर अवस्था में है । ज्ञात हो की बारिश होते ही स्कूल के कमरो में पानी भर जाता है , पूरा फर्श गीली होने के कारण छात्रों के बैठने की जगह नहीं होने से स्कूल की छुट्टी करा दी जाती है जिससे की पढ़ाई प्रभावित हो रही है । आदिवासी अंचल क्षेत्र की लगभग 100 से ज्यादा स्कूलों के छत से पानी टपकाने की शिकयत है । ग्रामीणों द्वारा अतिरिक्त कक्ष के साथ जर्जर स्कूल को सुधारने की मांग लगातार शासन प्रशासन से की जाती रही है इसके बावजूद समस्या के निराकरण के दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है जिसके चलते आदिवासी ग्रामीण अंचलों में शिक्षा का स्तर काफी नीचे जा रहा जो बड़ा गंभीर मामला है ।

बड़ा हादसा होने की आशंका के चलते स्कूल छुट्टी करा रहे :
छत कमजोर और बारिश में छत से पानी टपकने को शिकायत काफी वर्षो पुरानी है इसके बावजूद बारिश के मौसम में फर्श गोली हो जाती है स्कूल में बच्चों की बैठक व्यवस्था नही हो पाने के चलते शिक्षक बच्चो की उपस्थिति दर्ज कराकर छुट्टी कराने विवश है यह सिलसिला पखवाड़े भर से चल रहा है ।

ग्रामीणों का कहना है की लगातार 15 वर्षो से सरपंच जनपद जनप्रतिनिधियो से लेकर विधायक से शिकयत करते आ रहे है इसके बावजूद भी स्कूल की व्यवस्था सुधारने के दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जाता है इस जर्जर प्राथमिक शाला में हम अपने बच्चो को कैसे भेज सकते है ।

मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए भवन तक नही है :
उडूमगांव प्राथमिक शाला में ठेकेदार द्वारा नया रसोई घर बनवाया था जो तेज आंधी तूफान में रसोई घर का छत (शेड ) क्षतिग्रस्त हो गया जिसके बाद से कभी भी इसे सुधारने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने उचित कदम नहीं उठाया । रसोई गजराम पड्डा के घर से मध्यान्ह भोजन बनाकर कुल 16 बच्चो की खाना परोसकर खिलाया जाता है उसके बाद स्कूल की छुट्टी करा दी जा रही है।

उडूमगांव प्राथमिक शाला के एकल शिक्षक प्रधान पाठक तुला राम कावड़े ने बताया की शाला भवन बहुत ही जर्जर है इसकी जानकारी संकुल समन्यवक मनोज सांडेल को दी है । अंचल में लगातार तेज बारिश हो रही है जिसके चलते भवन के सभी कमरों में पानी भर जाता है फर्श भीग जाता है । शाला भवन का छत भी कमजोर है जो कभी भी टूट सकता है । कोई अप्रिय घटना न घटे इसलिए संकुल समन्यवक ने वर्तमान में स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराकर मीड डे मिल बच्चो में बाटने के बाद छुट्टी कराने का निर्देश दिया है। गांव में किसी के घर स्कूल संचालन करने के लिए कोई विकल्प ही नहीं है।

जिम्मेदार अधिकारी नही उठाते फोन :
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी केजू राम सिंहा के अलावा जिला शिक्षा अधिकारी को कॉल कर उडूमगांव प्राथमिक शाला की स्थिति के बारे में संज्ञान देना चाहा तो संबंधित जिम्मेदारो ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा ।

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