दीपेश साहा रिपोर्ट ।
कांकेर जिले के पखांजुर तहसील अंतर्गत ग्राम पीवी 4 में अजीबो गरीब मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी अनुसार विगत 3 माह पूर्व पागल कुत्ते ने दो दुधारु गायों को काटा था जिसके बाद दुधारू गायों का उपचार किसी पशु चिकित्सक से करवाया गया , पशु चिकित्सक ने सप्ताह भर के लिए पशु मालिक को गाय का दूध नहीं बेचने की समझाइश दी थी जिसके बावजूद पशुपालक ने गाय के उपचार के दौरान 2 दिन के बाद से ही इसके दूध को बेचना शुरू कर दिया । गांव में संचालित डेयरी में संक्रमित दूध की बिक्री करता रहा ।बता दे की कुत्ते के काटे जाने से संक्रमित दुधारू गायों की मौत रैबीज बीमारी के कारण कुछ दिन बाद हो जाने के बाद पशु मालिको को रैबीज संक्रमण का डर सताने लगा उन्होंने अपने पूरे परिवार को अस्पताल में ले जाकर रैबिज का टीका लगवाया जिसकी खबर धीरे धीरे पुरे गांव में फैलती चली गई जिसके बाद गांव में विवाद खड़ा हो गया कारण था की गांव में आयोजित एक धार्मिक अनुष्ठान के लिए संक्रमित गाय की दूध से प्रसाद बनाकर बांट गया था जैसे ही मामले की पराकाष्ठा हुई लोगो में संक्रमण का डर सताने लगा है। आनन फानन में स्वास्थ्य विभाग हरकत में आकार लोगो को नही घबराने और परिवार के साथ आकार रेबीज टीका लगाने की अपील कर रहा है। वही अंचल में पशु विभाग द्वारा कोई भी जागरुकता कार्यक्रम नही चलाया जाता है जिसका खामियाजा ग्रामीणों को अब भुगतना पड़ रहा है । जानकारों की मानें तो रैबीज एक खतरनाक रोग है । जिन लोगों ने गाय का दूध पीया या प्रसाद खाया था उनको भी संक्रमण का डर सता रहा है ।